Monday, May 9, 2011

लाडले सपूतों से आशा

साहसपूर्ण जीवन का पल पल जोशीला हो 
हर पथ बन जाए सुगम चाहे पथरीला हो 
बाधा तो आयें पर बादल सी बह जाएँ              
हों झंझावात मगर निर्मलता रह जाए 
                तन हो सशक्त पर मन में कोमलता हो 
                ढृढ़ हों संकल्प कि जिनमें बहती पावनता हो      
                प्रखर बुद्धि में निहित भावों का तेज़ हो 
                मधुर हो सशक्त मृदु वाणी में ओज हो 
शांत बही धारा सी मन की गति न्यारी हो
अधरों पर नित्य नई खिलती फुलवारी हो 
क्रोध सरीखे शत्रु का दूर कहीं वास हो 
निकट तुम्हारे सदा हास परिहास हो 
                 तुम बनो संबल हर दीन दुखी मानव का 
                 मूक सहारा बनो कठिन आर्त जीवन का  
                 पग पग पर आंधी से लड़ने की क्षमता हो 
                 भीष्म इरादों भरी चाह में भीषणता हो 
जीवन में भावभरी सहने की शक्ति हो 
साहस हो कर्म में और मन में भक्ति हो 
मान का हो मन, अपमान का हो डर नहीं
रहें प्रशस्त प्रेरणाएँ, देखो तुम मुड़कर नहीं 
                  सरस्वती का ऐसा तुम पर  वरद हस्त हो 
                  जिससे नेक जीवन का मार्ग ही प्रशस्त हो 
                  लक्ष्मी भी कृपा करे दास न बना ले यों 
                  लालच से भर जाए जीवन का दामन ज्यों 
कूटनीति छल कपट दूर हों सदा तुमसे 
करुणा कोमलता बरसे नित्य ही सजग मन से
हर मदद  देते रहो और सुख पाते तुम  रहो 
गीत खुशियों के सदा ही गुनगुनाते तुम रहो 
                      दंभ न आए कभी पाओ सभी जब शिखर तुम 
                      नम्रता बहती रहे और राह बन जाए सुगम
                      ध्यान रखोगे सभी के मान और सम्मान का 
                      मिलेगा हर एक पल फिर प्यार का मुस्कान का  
  

  
    

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