Wednesday, August 17, 2011

एक आह्वान गीत

मैंने यह आह्वान गीत सुना . प्राणों में शक्ति का संचार कर देता है .  

धरती   की  शान ;
तू है मनु की संतान ,
तेरी मुट्ठियों में बंद तूफ़ान है रे 
मनुष्य तू बड़ा महान है रे 

तू जो चाहे पर्वत पहाड़ों को तोड़ दे 
तू जो चाहे नदियों के मुख को भी मोड़ दे 
तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे  
तू जो चाहे धरती से अम्बर को जोड़ दे 
तू है शक्तिमान ,
पवन सा गतिमान ,
तेरी नभ से भी ऊंची उड़ान है रे 
मनुष्य तू बड़ा महान है रे 

धरती सा धैर्य तुझमें सूरज सा तेज 
तू जो चाहे तो तूफां को थाम ले 
पापों का वेग रुके, पशुता का शीश झुके 
तू जो अगर हिम्मत से काम ले 
अमर तेरे प्राण ,
 मिला तुझको वरदान 
तेरी वाणी में युग का आह्वान है रे 
मनुष्य तू बड़ा महान है रे 



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