Sunday, September 18, 2011

हरसिंगार (हरि का श्रृंगार )!

हरसिंगार यानी हरि का श्रृंगार . इस वृक्ष के फूल सर्वथा भगवान के श्रृंगार के लिए उपयुक्त हैं . इसके और भी कई नाम हैं ; शेफालिका , पारिजात , शिवली , मल्लिका , स्वर्णमल्लिका और अंग्रेजी में इसे night jasmine कहते हैं . इसके पुष्प रात को खिलते हैं. पूरी रात सुगंधी बिखेरता हुआ यह वृक्ष भोर होते ही अपने सभी फूल पृथ्वी पर बिखेर देता है . अलौकिक सुगंध में सराबोर इसके पुष्प केवल मन को ही प्रसन्न नहीं करते ; तन को भी शक्ति देते हैं . इसके फूलों को छाया में सुखाकर पावडर कर लीजिये और फिर मिश्री मिलाकर खाली पेट लीजिए . शारीरिक शक्ति का विकास होगा .
                                              जोड़ों का दर्द होने पर इसके पंचांग का काढ़ा पीजिए . 5 gram पंचांग +400 ग्राम पानी लेकर धीमी आंच पर पकाएं . जब एक तिहाई रह जाए तो खाली पेट पीयें . खांसी में इसकी दो पत्तियां +एक फूल +तुलसी के पत्ते   ये सब लेकर इसको एक गिलास पानी में उबालें और चाय की तरह पी लें . इससे पेट का जमा हुआ मल भी निकल जाएगा . पेट में कीड़े हों तो पत्तों का रस लें .छोटा बच्चा है तो एक चम्मच और बड़ा व्यक्ति है तो दो चम्मच . सुबह खाली पेट थोडा पानी और चीनी मिलाकर लें . साल में कभी-कभी यह रस ले लें तो पेट में कीड़े होंगे ही नहीं .
                                                कितना भी पुराना बुखार या शरीर की टूटन है तो , इसकी तीन ग्राम छाल +दो पत्तियां +3-4 तुलसी की पत्तियां पानी में उबालकर सुबह शाम लें . Sciatica की बीमारी का तो इलाज ही यह पेड़ है . इसके दो तीन बड़े पत्तों का काढ़ा सवेरे शाम खाली पेट पीयें . मेरी कई friends को इससे पूरा लाभ हुआ है . शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन है तो इसकी पत्तियाँ पानी में उबालकर उससे झराई करें . सूजन पर इसके पत्तों को बांधें .
              चीन और ताईवान जैसे देशों में तो इसके फूल पत्तों की हर्बल चाय पीते हैं . इसके दो पत्ते और चार फूल लेकर पांच कप चाय बना सकते हैं . बिना दूध की यह चाय स्फूर्तिदायक होती है .
                         यह वृक्ष आसपास लगा हो खुशबू तो प्रदान करता ही है ; साथ ही नकारात्मक उर्जा को भी भगाता है . इस उपयोगी वृक्ष को अवश्य ही घर के आसपास लगाना चाहिए .

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