Friday, December 19, 2014

कील, मुँहासे, झाइयाँ!

आलू ;     मुंह पर झाइयाँ या कील मुंहासे हो गये हों तो , आलू को पीसकर उस पर लगायें ।  

ककड़ी  ;   चेहरे पर झाइयाँ हों तो माजूफल , जायफल और ककडी घिसकर , पेस्ट बनाकर चेहरे पर उबटन की तरह लगायें ।
  झाइयाँ ठीक हो जाएँगी ।

रेवनचीनी  ;   चेहरे पर कील -मुंहासे हों तो इसकी जड़ को पानी घिसकर पेस्ट की तरह बना लें और कील मुंहासे पर लगायें . कुछ देर बाद मुंह धो लें । 

कूठ (costus) ;   त्वचा की किसी भी परेशानी के लिए इसके पत्ते को पीसकर उसका रस लगाएं ।  इससे eczema , दाद , खुजली , एलर्जी आदि सभी त्वचा के रोग ठीक होते हैं ।  इससे झाइयाँ , कील मुहासे आदि भी ठीक होते हैं ।  पत्ते न मिलें तो इसकी जड़ चन्दन की तरह घिसकर लगायें ।  इसको लगाने से घाव भी भर जाते हैं ।

अमलतास (purging cassia)  ;  अमलतास रक्तशोधक है ।  इसकी छाल को चन्दन की तरह घिसकर कील मुंहासों पर लगाया जा सकता है ।  इसे लगाने से चकत्ते भी ठीक होते हैं । 

गंभारी (verbenaceae)  ;  कील मुहासे हो ,त्वचा की समस्या हो या फिर रक्त विकार हो तो , गंभारी की छाल और नीम की छाल का काढ़ा सुबह शाम पीयें । 

ममीरा ( gold thread cypress)  ;  चेहरे पर मुहासे हों तो  इसकी जड़ घिसकर लगायें | 

तुंबरु (toothache tree)  ;   अगर कोई रक्त विकार है , त्वचा की समस्या है , त्वचा काली हो गई है , या eczema हो गया है तो इसकी पत्तियों का काढ़ा पीयें . फोड़े फुंसी या मुहासे हो गये हों तो इसकी जड या कांटे घिसकर लगा लें .इससे निशान भी मिट जायेंगे । 

पंवाड या चक्रमर्द (foetid cassia)  ;      यह पौधा त्वचा संबंधी बीमारियों के लिए बहुत अच्छा है । कुछ दिन इसकी सब्जी मेथी के साग की तरह खाने से रक्तदोष , त्वचा के विकार आदि से छुटकारा मिलता है । 

बेल  ;    बेलपत्र रक्त शुद्धि करता है । रक्त शुद्ध होने पर त्वचा के रोग स्वयं ठीक हो जाते हैं ।  इसके लिए 7 पत्ते बेल +3-4 तुलसी पत्र +4-5 दाने काली मिर्च मिलाकर एक कप शरबत बनाकर पीयें । 

बथुआ (chenopodium) ;  रक्त शुद्ध करना हो तो इसके पत्तों के रस के साथ नीम के पत्तों का रस मिलाकर लें । 

पीपल (sacred fig) ;  चेहरे पर झाइयाँ हों तो पीपल की छाल के अंदर वाले हिस्से का पावडर शहद में मिलाकर चेहरे पर लगायें । 

खीरा (cucumber)  ;  ताजे खीरे को चेहरे पर घिसे और 15 मिनट बाद धो दें तो चेहरा निखरता है | 

घृतकुमारी (aloe vera)  ;  त्वचा पर झाइयाँ , झुर्रियां पड़ जाएँ तो इसके गूदे की मालिश करने से त्वचा पर चमक आ जाती है । अगर त्वचा पर कोई पुराना निशान हो या त्वचा सख्त हो गई हो तो इसके गूदे और शहद को उस पर लगाकर तीन चार घंटे के लिए छोड़ दें ।  और फिर धो दें । 

अरण्ड (castor)  ;   त्वचा  फटे  या त्वचा पर काले धब्बे हों, तो  इसके तेल की मालिश करने से त्वचा बिलकुल ठीक हो जाती है । 

मेथी (fenugreek )  ;  चेहरे की चमक बढानी है तो इसके पत्ते पीसकर चेहरे पर लगाएँ ।  

धनिया (coriander) ;  चेहरे पर झाइयाँ हों तो इसकी पत्तियां पीसकर चेहरे पर मलें ।  

पालक (spinach )   ;  चेहरे की कान्तिके लिए इसकी पत्तियों का रस चेहरे पर मलें । 

गेंदा (merigold )  ;   मुंहासे या झाइयाँ हों तो इसके फूल व पत्तियों के रस को चेहरे पर मलें ।  

अंजीर (fig )  ;  इसका रोज़ प्रयोग करने से चेहरे की कांति बढ़ती है ।  

गिलोय  ;  इसे लेते रहने से रक्त संबंधी विकार नहीं होते ।  toxins खत्म हो जाते हैं । त्वचा निखर जाती है । गिलोय के नित्य प्रयोग से शरीर में कान्ति रहती है और असमय ही झुर्रियां नहीं पड़ती । 

खजूर (dates)  ;   खजूर रक्त शोधक होता है । इसे लेते रहने से त्वचा स्वस्थ रहती है ।  

curry leaves  ;  चेहरे का सौन्दर्य बढ़ाना हो तो इसके पत्तों का पेस्ट चेहरे पर लगायें ।  

अनार (pomegranate )  ;  इसके छिलके . चन्दन और लौंग की पेस्ट मुंह पर लगाने से चेहरा साफ़ रहता है ।     

सहदेवी  ;   अगर रक्तदोष है, त्वचा की सुन्दरता चाहिए तो 2 ग्राम सहदेवी का पावडर खाली पेट लें ।  

कालमेघ  ;   त्वचा की कान्ति बढानी है , मुंहासे , झाइयाँ  की परेशानी है तो ,2-3 gram कालमेघ में थोडा आंवला मिलाकर रात को मिट्टी के बर्तन में भिगो दें।  सवेरे मसलकर खाली पेट पी लें।  

गूलर (cluster fig)  ;  चेचक के दाग ठीक नहीं हो रहे हों तो इसके पत्तों के लाल दानों को बकरी के दूध में घिसकर लगा लें ।  अगर pimples ठीक नहीं हो रहे हों तो उन पर इसकी छाल की पेस्ट लगा लें ।    

अर्जुन  ;  चेहरे की झाइयों के लिए इसकी छाल घिसकर चेहरे पर लगायें। 



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