Thursday, December 11, 2014

migraine and sinus problems!




गाजर ;  माइग्रेन या sinus की समस्या हो तो इसकी पत्तियों को सेककर उनका 4-4 बूँद रस नाक में डालें ।

गुल बकावली  ( ginger lily)   ;  इस पौधे के  सफ़ेद फूल खिले हुए ऐसे प्रतीत होते हैं , मानो पूरा गुलदस्ता पौधे पर सजा दिया गया हो . इसका मुख्य गुण है कि यह मस्तिष्क को शांत करता है और अशांत मनोदिशा को बदल देता है . इसको देखने से, सूंघने से और आस पास रखने मात्र से चित्तवृत्तियाँ बदलती हैं . इसके फूलों को गुलदस्ते में रखा जाए तो कई दिन तक तरो ताज़ा रहते हैं . ये मौसमी फूल घरों में या आफिस में ; कहीं पर भी लगाये जा सकते हैं . यह पौधा कंद या कहें कि bulb द्वारा उगाया जाता है . इनके फूलों की माला पहनने से भी मन शांत रहता है . इसके आस पास रहने से तामसिक और राजसिक प्रभाव कम होकर , सात्विक प्रभाव बढ़ता है . घबराहट दूर होती है ; शरीर के toxins कम होते हैं और बैक्टीरिया और वायरस भी समाप्त होते हैं . ये सौम्य पुष्प दिमाग की उग्रता समाप्त कर , शान्ति प्रदान करते हैं और घर के वातावरण को खुशनुमा बनाते हैं . इन्हें आस पास रखने से बेचैनी और भय समाप्त होते हैं .
                                अगर मानसिक तनाव या अनिंद्रा की बीमारी है तो इसके फूल या पौधे को शयन कक्ष में रखें . सिरदर्द है तो इसके फूल पीसकर माथे पर लेप करें |    

पिप्पली (long pepper) ;    सिरदर्द होने पर पिप्पली का पावडर भूनकर नस्य लें ।  सूंघने पर सिरदर्द  में तो लाभ होता ही है नजला , जुकाम भी ठीक होता है ।  एक ग्राम पिप्पली के पावडर को दूध के साथ रात को सोते समय लें . नींद अच्छी आयेगी । कफ भी नहीं बनेगा । 

तेजपत्ता (bay leaves) ;  तेजपत्ता मसाला ही नहीं औषधि भी है इसके पत्तों का काढ़ा सर्दी जुकाम भगाता है ।  सिरदर्द हो तो इसके 4-5 पत्तों  का  काढ़ा  पीयें  और  पत्ते  पीसकर  सिर पर  लेप  करें । 

lemon grass  ;   एलर्जी की समस्या  का एक इलाज है lemon grass ।  इसके दो पत्ते लेकर अच्छी तरह रगडकर एक गिलास पानी में डालकर उबालें ।  फिर छानकर पीयें ।  बहुत भीनी भीनी सुगंध भी आएगी और रंग तो सुंदर लगेगा ही ।  चाहें तो इसमें थोड़ी सी चीनी मिला सकते हैं । इस चाय को बनाते समय इसमें  तुलसी के पत्ते भी ड़ाल दें ।  हल्का सा sedative effect होने के कारण मस्तिष्क को relax भी करती है |  

रेवनचीनी  ;    Migraine की बीमारी में इसकी जड़ को घिसकर माथे पर लगा लें । 

अगस्त्य (sesbania) ;   Migraine की बीमारी में सिर में जिस तरफ दर्द हो उसके विपरीत दिशा वाले नाक में इसके पत्तों के रस की चार बूँद ड़ाल लें ।  सिरदर्द ठीक हो जाएगा  | 

चांगेरी indian sorrel) ;   सिरदर्द हो तो इसके पत्तों को पीसकर माथे पर लगा लें | 

गंभारी (verbenaceae)  ;  सिरदर्द होने पर इसके पत्ते पीसकर माथे पर लेप करें ।  

पंवाड , चक्रमर्द ( foetid cassia) ;  सिरदर्द हो तो इसका बीज पीसकर माथे पर लेप कर लें । 

भृंगराज  ;       Migraine  की समस्या में इसकी साफ़ पत्तियों और कोमल टहनियों का रस 4-4 बूँद नाक में डालें चक्कर आते हों या नींद कम आती हो तो इसका दो चम्मच रस पानी मिलाकर सवेरे शाम लें | 

भारंगी ( turk's turban moon)  ;   सिरदर्द होने पर इसकी जड़ पीसकर माथे पर 5-6 घंटे के लिए लगायें ।  उसके बाद धो दें ।  

दूब (grass )  ;  सिरदर्द हो तो दूब घास पीसकर चूना मिलाकर लगाइए । 

अकरकरा  ;   सिरदर्द में इसके फूल पीसकर माथे पर लेप करें ।  

तुलसी (holi basil)  ;  Migraine के दर्द में इसके पत्तों के रस की चार बूँद नाक में डालें । 

ज्योतिष्मति (celastrus) ;  माइग्रेन , या सिरदर्द हो या भयंकर दौरे पड़ते हों ; तो इसके 2-3 बीज तक ले सकते हैं . सवेरे सवेरे खाली पेट बीज खाकर दूध या पानी पी लें ।  

घृतकुमारी (aloe vera)  ;  सिरदर्द होने पर माथे पर इसका लेप कर लें ।  अगर माईग्रेन की समस्या है तो साथ में मेधावटी भी सवेरे शाम ले लें ।  इसे खाने से और सिर और माथे पर लेप करने से आँखों की रोशनी भी बढ़ती है ।  

करेला (bitter gourd) ;  सिरदर्द में इसकी पत्तियों को पीसकर  माथे पर लगायें । 

मेथी (fenugreek)  ;  एक डेढ़ चम्मच मेथी दाना रात को भिगोकर सवेरे चबा चबाकर खाएं और बाद में वह पानी भी पी लें ।  सिरदर्द या migraine का दर्द हो तब यह प्रयोग लाभदायक है । 

 धनिया (coriander )  ;  अगर सिरदर्द से परेशानी है तो एक चम्मच धनिया पावडर +एक चम्मच आंवले का पावडर +शहद रात को एक मिटटी के बर्तन में भिगो दें।  सवेरे मसलकर पी लें । प्रतिदिन ऐसा करने से कुछ समय बाद  यह  परेशानी दूर हो जाती हैं ।  

कंटकारी , कटैली (yellow berried nightshade)  ;   migraine में इसका ताज़ा रस दो दो बूँद नाक में टपकायें ।  यह सवेरे खाली पेट करना चाहिए ।  इससे यह बीमारी बिलकुल ठीक हो जाती हैं । 

भाँग (cannabis )  ;   सिर दर्द ठीक करने के लिए भांग के पत्तों की लुगदी को सूंघें । इसके पत्तों के रस की दो -दो बूँद नाक में डालें ।इससे भी सिर दर्द ठीक हो जाता है ।  sinusitis हो तो इसके पत्तों की तीन तीन बूँद नाक में टपका लें । 

मेंहदी (henna )  ;  सिरदर्द रहता हो तो इसमें तुलसी के पत्ते मिलाकर माथे पर लेप करें ।  मेंहदी का तेल भी सिर के लिए बहुत अच्छा है ।  इसके लिए इसके 750 ग्राम पत्ते +250 ग्राम बीज +250 ग्राम इसकी छाल लेकर 4 किलो पानी में पकाएं ।  यह धीमी आंच पर पकाना है . जब एक चौथाई रह जाए , तो उसमें एक किलो सरसों का तेल मिला लें ।  फिर धीमी आंच पर पकाएं ।  जब केवल तेल रह जाए ; तो छानकर शीशी में भर लें ।  यह तेल सिरदर्द के लिए बहुत ही बढिया है । 

अपामार्ग , लटजीरा  ;   सिर में दर्द है या migraine है , तो इसके 3 ग्राम बीज का पावडर सूंघने से ही वह ठीक हो जाएगा ।  

देसी गुलाब (rose)  ;   चन्दन को गुलाबजल में घिसकर माथे पर लगाने से मस्तिष्क को आराम मिलता है ।  Migraine तक अच्छा होता है । 

मरुआ  ;  Migraine  या सिरदर्द  हो तो इसके पत्ते पीसकर माथे पर लेप करें या 2-2 बूँद रस खाली पेट नाक में डालें ।  

अपराजिता  ;  अगर migraine या अधसीसी का दर्द रहता है तो इसकी जड़ की रस की 4-4 बूँदें नाक में ड़ाल लें।  इसकी जड़ पीसकर माथे पर लेप भी करें । 

गोखरू  ;   इसका काढ़ा सिरदर्द ठीक करता है । 

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