Monday, February 9, 2015

white poison!

आयुर्वेद में आहार , विहार , व्यवहार , विचार और संस्कार ; इन सबका बहुत महत्व है ।
आहार सही है , तब भी दवा की आवश्यकता नहीं है और आहार गलत है तब भी दवा की आवश्यकता नहीं है । आहार सही है तो शरीर ठीक रहेगा ही ; आहार गलत है तो आहार को ठीक कर लेने से ही शरीर पुन: स्वस्थ हो जाएगा ।
आहार में white poison से परहेज करना अच्छा है । चीनी , नमक , मैदा , hydrogenated oils ; ये सभी इसी श्रेणी में आते हैं । इनका भोजन में कम से कम प्रयोग होना चाहिए ।
Hydrogenated oils का melting point 40 डिग्री सेल्सियस होता है ; जबकि शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है । यह इसीलिए आसानी से पच नहीं पाता । पच भी जाता है तो शिराओं , धमनियों में जम जाता है । इससे हृदय की बीमारियाँ होने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है ।
Refined oils भी शायद कैंसर के कारकों में से एक हैं । ऐसा आधुनिक अनुसंधानों से ज्ञात हो रहा है । अत: raw vegetable oils ही प्रयोग में लाने चाहिएँ ।
चीनी और नमक बहुत कम , जितना बिलकुल जरूरी हो ; प्रयोग में लाने चाहिएँ । एक ग्राम नमक , 80 ग्राम पानी का retention कर सकता है जिससे शरीर में सूजन की प्रवृति हो सकती है । इसके अतिरिक्त अधिक नमक खाने से intestine में मौजूद beneficial bacteria भी नष्ट हो सकते हैं ; जो कि शरीर के लिए विटामिन बनाने में लाभकारी होते हैं ।
 अधिक चीनी खाना दांतों व आँतों के लिए अच्छा नहीं रहता ।
मैदा भी white poison के अंतर्गत आ सकता है । इसका प्रयोग कम करके मोटे आटे को ही अधिक प्रयोग में लाना चाहिए।


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